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🔶 फैटी लिवर क्या है?
लिवर हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। यह पेट के ऊपरी दाहिने भाग में पसलियों के नीचे रहता है। यह अंग एक साथ कई कार्य करता है जैसे:
- शरीर में सबसे बड़े केमिकल्स बनाना
- शरीर को डिटॉक्सिफाई करना
- शर्करा उत्पन्न करना और संग्रह करना
- वसा पचाना
- विटामिन एवं खनिजों का भंडारण
- प्रोटीन बनाना
- रोगों से लड़ने हेतु प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करना
लिवर की इन सभी क्रियाओं को उसकी पुनः उत्पन्न करने की क्षमता समर्थ बनाती है। लेकिन जब यह अंग अत्यधिक वसा से भर जाता है तो वह ठीक से कार्य नहीं कर पाता। इस स्थिति को ही फैटी लिवर कहते हैं।
🔸 फैटी लिवर के प्रकार:
- एल्कोहोलिक फैटी लिवर – अधिक मात्रा में शराब पीने से होता है।
- नॉन एल्कोहोलिक फैटी लिवर – मोटापा, डायबिटीज़, सेंडेंटरी लाइफस्टाइल, हाई ट्राइग्लिसराइड्स और वंशानुगत प्रवृत्ति इसके कारक होते हैं।
अधिकतर लोगों में इसके लक्षण स्पष्ट नहीं होते, और जांच के दौरान ही इसका पता चलता है।
⚠ यह रोग किसे हो सकता है?
- सामान्यतः मधुमेह रोगियों या मोटे शरीर वाले लोगों में देखा जाता है।
- किसी भी आयु के व्यक्ति को यह हो सकता है।
लिवर की जाँच और समय पर निदान आवश्यक है, क्योंकि यह रोग आगे चलकर सिरोसिस या लिवर कैंसर में बदल सकता है।
🛡 बचाव और सावधानियां
✅ वजन कम करना
✅ संतुलित आहार लेना
✅ नियमित व्यायाम
✅ तेल व वसा युक्त पदार्थों से परहेज़
✅ स्ट्रेस मैनेजमेंट
✅ समय पर लिवर फंक्शन की जांच
✅ लिवर की सुरक्षा हेतु आयुर्वेदिक या चिकित्सीय लिवर टॉनिक का सेवन
🧪 जटिलताएं

⚠ लिवर सिरोसिस
⚠ लिवर कैंसर
⚠ हाई ट्राइग्लिसराइड्स
इन जटिलताओं को नियंत्रित करके इस बीमारी को रोका जा सकता है।