मातृत्व आहार: माँ के दूध के अद्भुत लाभ | Benefits of Breast Milk
माँ के दूध के फायदे
- माँ का दूध बच्चे के लिए सबसे अच्छा होता है। जब बच्चा पैदा होता है, तो उसे 1 से 2 घंटे के अंदर माँ का दूध पिलाना चाहिए। पहले 6 महीने तक बच्चे को सिर्फ माँ का दूध देना चाहिए, क्योंकि इससे उसे ताकत मिलती है और वह जल्दी बढ़ता है। माँ के दूध के 100 मिली से बच्चे को 60 से 65 कैलोरी मिलती है, जो उसके शरीर और दिमाग के विकास में मदद करती है।
- माँ का दूध बच्चे को डिहाइड्रेशन से भी बचाता है। जब माँ दूध पिलाती है, तो उसकी भी 200 से 400 कैलोरी ऊर्जा खर्च होती है, जिससे वजन कम होता है और शरीर सुडौल बनता है। इससे माँ को स्तन कैंसर होने का खतरा भी कम हो जाता है। इसके अलावा, जो माँ बच्चे को दूध पिलाती हैं, उनके दो बच्चों के बीच का समय भी सही रहता है और खून बहने की समस्या कम होती है।
- माँ का दूध माँ और बच्चे के बीच प्यार और अपनापन बढ़ाता है। इसलिए सभी माँओं को अपने बच्चों को स्तनपान कराना चाहिए।
विशेष नोट
यदि माँ को सर्दी, जुकाम, फ्लू या अन्य कोई साधारण संक्रमण हो, तब भी शिशु को दूध पिलाना जारी रखना चाहिए।
स्तनपान कराने वाली माता को धूम्रपान नहीं करना चाहिए।
बच्चों के आहार से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु:
6 माह के शिशु के आकार एवं क्रियाकलाप में वृद्धि हो रही होती है इसलिए पूरक आहार शुरू करना चाहिए|
बच्चों का आहार उसके शारीरिक विकास के अनुसार बदलता है पहले 6 महीने में पतला 1 वर्ष तक आधा ठोस एवं दो वर्ष में आधा ठोस से ठोस आहार का रूप ले लेता है जैसे 6 माह में सब्जियों का सूप ,फलों का रस, दाल व चावल का पानी ,एक वर्ष तक खिचड़ी, दलिया, उपमा ,एवं दो वर्ष में हम बच्चे को रोटी, पराठा, आदि दें जो की मिश्रित आटे से बने और चोकर युक्त हो इससे कम मात्रा में आयरन विटामिन सी और रेशेदार कार्बोहाइड्रेट मिलता है जिससे कब्जियत दूर हो जाती है|
बच्चा एक समय में एक साथ भोजन नहीं कर सकता इसलिए उसे हर 2 घंटे में आहार देते रहना चाहिए |
बच्चे रंग बिरंगी चीजों की तरफ आकर्षित होते हैं इसलिए उनके खाने में रंगों का भी ध्यान रखना चाहिए इससे हम आहार की पौष्टिकता को भी बढ़ा सकते हैं जैसे आते में पालक मिलकर उपमा में ,तरह-तरह की सब्जियां मिलकर और रंग एवं पोषक मूल्य को बढ़ाया जा सकता है|
बच्चों की खाने में फलों को आवश्यक रूप से सम्मिलित करना चाहिए क्योंकि फलों में कार्बनिक एसिड होते हैं जो आमाशय में उपस्थित दूध से दही बनाकर दूध से प्रोटीन का पाचन सरल कर देते हैं एवं विटामिन सी आयरन के अब्जॉर्प्शन में भी सहायक होते हैं|
7 से 8 महीने के बच्चों को केला ,पपीता ,चीकू, शकरकंद ,आलू मैश करके खिलाना चाहिए|
जब भी बच्चे को नए आहार से अवगत कराएं तब दो दिन तक उसे वही आहार देना चाहिए जिससे यदि बच्चों में किसी आहार से एलर्जी हो तो उसका पता चल सके|
बच्चों के पूरक आहार को मिश्रित खाद्य पदार्थ के साथ बनाना चाहिए जिससे उन्हें पूरा पोषण एक ही खाद्य पदार्थ में मिल सके जैसे खिचड़ी में दाल चावल के साथ सब्जियां ,घी ,एवं मूंगफली पाउडर मिलाकर उसकी पोषक मूल्य बढ़ाया जा सकता है इसी तरह लड्डू में चने का सत्तू , आटा गाय का घी, गुड़, मूंगफली, पाउडर बादाम पाउडर ,एवं तिल को मिलाकर उसको पौष्टिक बनाया जा सकता है|
बच्चों के आहार में चीनी की जगह पर गुड का प्रयोग करें जो बच्चों में आयरन की आवश्यकता की पूर्ति करता है जिससे रक्त की कमी को या खून की कमी को दूर किया जा सकता है|
भोजन पकाने के लिए गाय का घी काम में ले,यह मस्तिष्क के विकास के लिए लाभदायक होता है|
ज्यादा मिर्च मसाले वाला भोजन बच्चों को ना दें अथवा लाल मिर्च का उपयोग न करें|
बच्चों के आहार में पानी का बहुत बड़ा महत्व होता है इसलिए कम से कम 1.3 लीटर पानी रोज पिलाएं इसमें दुध वा अन्य स्रोत से मिलने वाला पानी भी शामिल है ध्यान रहे की पानी साफ होना चाहिए|
बाल्यावस्था में हड्डियों मांसपेशियों एवं एंटीबॉडी के निर्माण के लिए प्रोटीन और कैल्शियम युक्त आहार दें जैसे दूध, पनीर ,दही, पलक ,ब्रोकली एवं रागी आदि|
भारत में 10 से 19 वर्ष के आयु के किशोर की जनसंख्या एक चौथाई है इस समय इनमें शारीरिक मानसिक और भावनात्मक बदलाव तीव्र गति से होते हैं इन सभी बदलावों को सकारात्मक रूप से आगे बढ़ाने के लिए उचित आहार भी अपनी अहम भूमिका निभाता है इसलिए इस उम्र में वसा कैल्शियम, आयरन जिंक विटामिन और फाइबर जैसे पोषक तत्वों की आवश्यकता ज्यादा होती जिसे हम हरी पत्तेदार सब्जियां सूखे मेवे फल मिश्रित अनाज दूध आदि देकर इन सभी पोषक तत्वों को प्राप्त कर सकते हैं यदि उचित आहार न मिले तो उनका विकास रुक जाता है जिसका कामयाब समाज को भुगतना पड़ता है|
आज सभी उम्र के बच्चे जंक फूड फास्ट फूड से ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं जिससे उनमें मोटापा डायबिटीज हार्ट डिजीज ब्लड प्रेशर और कैंसर जैसी भयानक बीमारियां हो रही हैं इससे बचने के लिए पेरेंट्स बच्चों के सामने पौष्टिक आहार को आकर्षित ढंग से प्रस्तुत करें जिससे उनके लिए भोजन पसंदीदा बन जाए
संतुलित आहार:
शरीर के प्रत्येक अंग को क्रिया करने की शक्ति देता है |दैनिक क्रियो में ऊतकों के टूटने फूटने से नष्ट होने वाली कोशिकाओं का फिर से निर्माण करता है |शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता या इम्यून सिस्टम को बढ़ाता है|