Diabetes in Ayurveda: Causes, Diet, Precautions, and Proven Home Remedies for Effective Management – आयुर्वेद में मधुमेह (डायबिटीज़) का इलाज: कारण, आहार, सावधानियाँ और घरेलू उपचार

poster design with Ayurvedic tips for diabetes management and natural healing
आयुर्वेद में मधुमेह (डायबिटीज़) के कारण, आहार, सावधानियाँ और घरेलू उपचार की पूरी जानकारी। जानें कैसे करेला, नीम, और गुडमार जैसी जड़ी-बूटियों से मधुमेह को नियंत्रित करें। डायबिटीज़ के लिए आयुर्वेदिक डाइट, योगासन और परहेज के बारे में विस्तृत मार्गदर्शन।
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Understanding White Discharge (Leucorrhea) Causes, Symptoms, and Natural Remedies – सफेद पानी (श्वेत प्रदर) कारण, लक्षण, और घरेलू उपचार

श्वेत प्रदर (सफेद पानी) महिलाओं में एक सामान्य समस्या है। इसके मुख्य कारण, लक्षण और घरेलू उपचार जानें, जो इस स्थिति के प्रबंधन में सहायक हो सकते हैं।
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Ashwagandha A Miraculous Ayurvedic Herb for Enhancing Male Vitality and Energy – अश्वगंधा पुरुष यौन शक्ति और ऊर्जा बढ़ाने वाली चमत्कारी आयुर्वेदिक औषधि

"Ashwagandha – A Powerful Ayurvedic Herb for Enhancing Male Vitality, Energy, and Strength." 🌿
अश्वगंधा एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो पुरुषों की यौन शक्ति, ऊर्जा और शारीरिक बल को बढ़ाने में सहायक होती है। इसके नियमित सेवन से कमजोरी दूर होती है, मानसिक तनाव कम होता है और संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार होता है। जानिए अश्वगंधा के अद्भुत फायदे और सही सेवन विधि।
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Comprehensive Prenatal Care Guidelines for a Healthy Pregnancy – स्वस्थ गर्भावस्था के लिए संपूर्ण प्रसव पूर्व देखभाल दिशानिर्देश

An expectant mother attending a prenatal care session, emphasizing the significance of routine medical examinations, healthy diet, and sufficient sleep for a healthy pregnancy.
गर्भावस्था के दौरान नियमित चिकित्सीय परीक्षण, टीकाकरण, संतुलित आहार, उचित आराम, और चिकित्सीय परामर्श के साथ लौह एवं कैल्शियम की औषधियों का सेवन आवश्यक है। साथ ही, कुछ गतिविधियों से परहेज करना चाहिए।
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Ayurvedic Secrets of Diet and Lifestyle in Winter शिशिर ऋतु: सर्दियों में सही आहार और दिनचर्या के आयुर्वेदिक रहस्य

Shishir Ritu,winter health care
शिशिर ऋतु में ठंड और शुष्क हवाओं का प्रभाव बढ़ जाता है, जिससे शरीर की शक्ति कम हो जाती है और कफ दोष जमा होने लगता है। इस मौसम में जठराग्नि तेज रहती है, इसलिए पौष्टिक और गर्माहट देने वाले आहार का सेवन करना लाभदायक होता है। आयुर्वेद के अनुसार, इस ऋतु में उषापान, नस्य, अभ्यंग और व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करने से स्वास्थ्य बेहतर बना रहता है।
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