सफेद पानी (श्वेत प्रदर) कारण, लक्षण, और घरेलू उपचार

श्वेत प्रदर या सफेद पानी स्त्रियों में होने वाली एक सामान्य बीमारी है, जिसका सामना अधिकांश महिलाओं ने जीवन के किसी न किसी पड़ाव में किया होता है। इतनी सामान्य रूप से पाई जाने वाली इस बीमारी को अधिकतर महिलाएं ध्यान नहीं देती हैं, और जब यह गंभीर रूप धारण कर लेती है, तभी वे अस्पताल का रुख करती हैं। भारत जैसे देश में जननांगों के स्वास्थ्य एवं रक्षण तथा उनसे होने वाली बीमारियों के संबंध में बात करना या चिकित्सकों को दिखाना आज भी हिचकिचाहट का विषय है।

यदि महिलाएं रोजमर्रा की जिंदगी में ही कुछ बातों का ध्यान रखें, तो वे इस बीमारी से बच सकती हैं, और यदि रोग नवीन हो, तो थोड़े से उपचार से ही ठीक हो सकती हैं।

प्रमुख कारण:

  • जननांगों की सफाई न करना या अत्यधिक सफाई करना: जननांगों की सफाई न करना या दिन में बार-बार सफाई करना, जिससे वहां होने वाले अच्छे जीवाणु, जो उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, हट जाते हैं। अधिकतर महिलाएं विज्ञापनों से प्रेरित होकर वेजाइनल वॉश जैसे उत्पादों का प्रतिदिन उपयोग करती हैं, जो हानिकारक हो सकते हैं।
  • गर्म पानी से जननांग की सफाई करना: गर्म पानी से जननांग की सफाई करना प्रतिषेध है, क्योंकि इससे जननांग में रुकावट बढ़ती है और कीटाणुओं के बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।
  • पांडू रोग (खून की कमी): अधिकतर महिलाएं हमारे देश में इस रोग का शिकार हैं। खून की कमी होने से वे किसी भी रोग से जल्दी ग्रसित हो जाती हैं, जिसके कारण मूत्र में जलन, सफेद पानी जैसी शिकायतें होने लगती हैं।
  • कब्ज रहना: जिन स्त्रियों को अक्सर कब्ज की शिकायत रहती है, उनकी पेशाब की थैली एवं बच्चेदानी में संक्रमण होने की आशंका बढ़ जाती है।

इसके अलावा, बच्चेदानी में सूजन, पेट में कीड़े होना आदि भी अन्य कारण हो सकते हैं।

लक्षण:

  • पीले रंग का स्राव आना
  • पीठ में दर्द
  • पेशाब में जलन एवं खुजली
  • जननांग में सूजन होना
  • जननांग से बदबू आना

इनमें से कोई भी लक्षण होने पर तुरंत चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए।

साधारण उपाय:

  • जननांग की सफाई रखना
  • जननांग को सामान्य शीतल जल से धीरे-धीरे साफ करना
  • अंतर्वस्त्र में केवल सूती वस्त्र का इस्तेमाल करना
  • ढीले कपड़े पहनना
  • उमस से भरे कपड़े न पहनें
  • गर्मियों में कम से कम तीन से चार लीटर पानी का किसी न किसी रूप में सेवन करना, जैसे संतरे, मौसमी का ताजा जूस, नींबू पानी आदि
  • कब्ज न होने दें; अधिक मात्रा में सलाद का सेवन करें, जैसे गाजर, खीरा, बंदगोभी आदि
  • खून की कमी पूरी करने के लिए दूध, हरी सब्जियां, फल, खजूर, किशमिश, अंजीर, अनार आदि का सेवन करें
  • आंवला, चुकंदर आदि का जूस बनाकर पिएं; भोजन में धनिया का अधिक प्रयोग करें
  • मांड (चावल का पानी) में थोड़ी शक्कर मिलाकर सेवन करें

परहेज:

  • तीखा खाना, फास्ट फूड आदि से बचें
  • लहसुन, अदरक एवं प्याज का सेवन न करें
  • गरम मसाला का प्रयोग कुछ दिनों के लिए बंद कर दें

घरेलू उपाय:

छाछ को चावल के पानी (मांड) के साथ तीन दिन तक लें

आंवला का चूर्ण शहद के साथ मिलाकर लें

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